{54 } महाराणा प्रताप जन्म दिवस -9 मई, 1540 [ कविता ]
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वीर,अतिवीर, शूरवीर, बहती नदिया की धारा था तेज़ हवा का झोंका वह, लाल सूर्ख सा सूरज़ था i भारत माँ का लाल लहू, लाल तिलक मस्तक का था मेवाड़ की धरती पर जन्मा जो , कोई और नहीं, कोई और नहीं उदय-पुत्र वो परम प्रतापी कुम्भलगढ़ का राणा था ii 72 किलो का कवच पहन कर, 80 किलो का भाला ले कर वो चेतक पर जाता था रेंगता रहता दुश्मन धरती पर, वो हवा से बातें करता था i राजवंश में पला बड़ा, घास की रोटी खाता था एक अकेला राजपूत-