ललिता सहस्त्रनाम हिन्दी-व्याख्या- 450- 489

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------------------------------------------------निरुपमा गर्ग

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before Navratri 2025.

450. ॐ नन्दिन्यै नमः- जो चरणों में ध्यान-रत भक्तों को आनंद देने वाली हैं, 
 451. ॐ विघ्न नाशिन्यै नमः- जो सभी बाधाओं को नष्ट कर देती हैं, 
 452. ॐ तेजोवत्यै नमः- जो दीप्तिमान हैं, तथा-
 453. ॐ त्रि+ नयनायै नमः- जिनकी सूर्य, चंद्रमा और अग्नि तीन आंखें हैं,उन्हें नमस्कार,
  बार-बार नमस्कार हो ।
454. ॐ लोलाक्षी कामरूपिण्यै नमः- जिनके नेत्र प्रेम का स्वरूप हैं, 
455. ॐ मालिन्यै नमः- जो माला पहने हुए हैं, 
456. ॐ हंसिन्यै नमः- जो हंस योगिनी स्वरूपा हैं, तथा-
457. ॐ मात्रे नमः- जो पूरे ब्रह्मांड की माँ हैं,उन्हे नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो । 
458. ॐ मलयाचल वासिन्यै नमः- जो मलय पर्वत में निवास करती हैं, 
459. ॐ सुमुख्यै नमः- जिनका चेहरा अति सुन्दर है,
460. ॐ नलिन्यै नमः- जिनका शरीर कमल की पंखुड़ियों की तरह कोमल और सुंदर है,तथा-
461. ॐ सुभ्रुवे नमः- जिनकी भौहें सुन्दर हैं,उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो । 
462. ॐ शोभनायै नमः- जो हमेशा उज्ज्वल रहती हैं, 
463. ॐ सुरनायिकायै नमः- जो देवताओं की नेता हैं, 
464. ॐ काल कण्ठ्यै नमः- जो शिव की पत्नी हैं, तथा-
465. ॐ कान्ति मत्यै नमः- जो अति उज्ज्वल हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
466. ॐ क्षोभिण्यै नमः- जो शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक हैं तथा मानसिक शान्ति 
  प्रदान करती हैं, 
467. ॐ सूक्ष्म रूपिण्यै नमः- जिनका रूप इतना सूक्ष्म है कि उसे मनुष्य नहीं समझ सकता,
468. ॐ वज्रेश्वर्यै नमः- जो वज्रेश्वरी योगिनी देवी हैं, तथा-
469.  ॐ वामदेव्यै नमः- जो वामदेव (शिव) की पत्नी हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
470. ॐ वयोऽवस्था विवर्जितायै नमः- जो आयु (समय) के कारण होने वाले परिवर्तनों से 
  मुक्त हैं,
471. ॐ सिद्धेश्वर्यै नमः- जो सभी सिद्धियों के स्वामिनी हैं, 
472. ॐ सिद्धविद्यायै नमः- जो सिद्धविद्या का स्वरूप हैं, तथा- 
473. ॐ सिद्धमात्रे नमः- जो सिद्धों की माता हैं,उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो । 
474. ॐ यशस्विन्यै नमः- जिनका यश अद्वितीय है, 
475. ॐ विशुद्धि चक्र निलयायै नमः- जो विशुद्धि चक्र में निवास करती हैं, 
476. ॐ आरक्त वर्णायै नमः- जिनका वर्ण थोड़ा लाल अर्थात गुलाबी है, तथा-
477. ॐ त्रिलोचनायै नमः- जिनके तीन नेत्र हैं,उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
478. ॐ खट्वाङ्गादि प्रहरणायै नमः- जो नेक हथियारों से लैस हैं, 
479.  ॐ वदनैक समन्वितायै नमः- जो एक मुख वाली हैं, 
480.  ॐ पायसान्न प्रियायै नमः- जो मीठे चावल की विशेष शौकीन हैं, तथा- 
481.  ॐ त्वक्स्थायै नमः- जो स्पर्श इंद्रिय (त्वचा) की देवी हैं, उन्हें नमस्कार, 
   बार-बार नमस्कार हो ।
482.   ॐ पशुलोक भयङ्कर्यै नमः- जो सांसारिक अस्तित्व से बंधे हुए नश्वर प्राणियों 
   को भय से भर देती हैं, 
483. ॐ अमृतादि महाशक्ति संवृतायै नमः- जो अमृत और अन्य शक्ति देवताओं से घिरी हुई हैं, 
484. ॐ डाकिनीश्वर्यै नमः- जो डाकिनी देवी हैं, तथा-
485. ॐ अनाहताब्ज निलयायै नमः- जो हृदय में अनाहत कमल में निवास करती हैं,
     उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
486. ॐ श्यामाभायै नमः- जो अपने उग्र रूप में काले रंग में महाकाली का रूप धारण करती हैं, 
487. ॐ वदन द्वयायै नमः- जिनके राकिणी शक्ति के रूप में दो चेहरे हैं-दुर्गा और काली
दुर्गा को शक्ति के शमनकारी और रक्षात्मक पहलू के रूप में पूजा जाता है।  व काली को विनाश और विनाशक शक्ति के रूप में पूजा जाता है,
488. ॐ दंष्ट्रोज्वलायै नमः- जिनके दाँत चमक रहे हैं, तथा-
489. ॐ अक्षमालादि धरायै नमः- जो रुद्राक्ष की माला और अन्य चीजें पहनती हैं,
  उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार । 
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