238 देव उठनी एकादशी गीत


 

उठो देव बैठो देव भजन -


उठो देव बैठो देव - पाटकली चटकाओ देव
आषाढ़ में सोए देव - कार्तिक में जागे देव
कोरा कलशा मीठा पानी - उठो देव पियो पानी    
हाथ पैर फटकारो देव - आंगुलियां चटकाओ देव
कुवारों के ब्याह कराओ देव-ब्याह के गौने कराओ देव
तुम पर फूल चढ़ाए देव-घी का दीया जलाये देव
आओ देव पधारो देव-तुमको हम मनाएं देव
चूल्हा पीछे पांच पछीटा- सासू जी बलदाऊ तुम्हारे बेटा 

ओने कोने झांझ मंजीरा - सहोदर किशन जी तुम्हारे वीरा
ओने कोने रखे अनार ये है किशन जी तुम्हारे यार
ओने कोने लटकी चाबी सहोदरा ये है तुम्हारी भाभी
जितनी खूंटी टांगो सूट - उतने इस घर जन्मे पूत

जितनी इस घर सीक सलाई-उतनी इस घर बहुएं आईं

जितनी इस घर ईंट और रोडे उत‌ने इस घर हाथी-घोड़े

गन्ने का भोग लगाओ देव

 सिंघाड़े का भोग लगाओ देव
बेर का भोग लगाओ देव 

गाजर का भोग लगाओ देव
गाजर का भोग लगाओं देव

सेंगरी,पूए  का भोग लगाओ देव
उठो देव उठो

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