{ 25} मैं भारत का नागरिक हूँ ------
मैं भारत का नागरिक हूँ",स्वतन्त्रता" जन्म-सिद्ध अधिकार मेरा
"देश की रक्षा में तत्पर रहना" संग संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
चाहे जिस भी मज़हब का हूँ,धार्मिक स्वतन्त्रता अधिकार मेरा
"अखंडता को बनाए रखना" है संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
पाऊँ मै" स्वच्छ पर्यावरण "यह मौलिक अधिकार मेरा
"उसकी रक्षा व संवर्धन करना "यह संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
देश की छवि उजागर करने",लेखन,भाषण "अधिकार मेरा
"शान्ति व अहिंसा को बनाए रखना " है संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
"अच्छा नेता,अच्छा शासन " है मौलिक अधिकार मेरा
स्वच्छ छवि को चुनना चुनाव में,है संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
मैं भारत का नागरिक हूँ ,कितना आसानी से कह दिया
ज़रा कर्तव्य की बात करी तो कितना मुश्किल मान लिया i
अपने अधिकार पाता हूँ मैं, यदि संग कर्तव्य निभाता हूँ
" मैं भारत का नागरिक हूँ " कहने का हक तभी रखता हूँ i
माना संविधान लचीला है ,केवल अधिकारों की "अपेक्षा" ठीक नहीं
संतुलन बिगड़ जाएगा अत: कर्तव्यों की" उपेक्षा" ठीक नहीं i
गणतन्त्र दिवस के अवसर पर,यह याद दिलाना चाहता हूँ
अधिकारों से कर्तव्य बड़े ,यह विचार मैं रखना चाहता हूँ i
कर्तव्यों की जो की अवहेलना,तो देश कमजोर हो जाएगा
लाचारी की जंज़ीरों में फिर से जकड़ा जाएगा i
अधिकारों की बात तो छोड़ो,स्वतन्त्रता खतरे में पड़ जाएगी
"मैं इसी भारत का नागरिक हूँ,"समझने और समझाने में बहुत देर हो जाएगी i
"देश की रक्षा में तत्पर रहना" संग संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
चाहे जिस भी मज़हब का हूँ,धार्मिक स्वतन्त्रता अधिकार मेरा
"अखंडता को बनाए रखना" है संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
पाऊँ मै" स्वच्छ पर्यावरण "यह मौलिक अधिकार मेरा
"उसकी रक्षा व संवर्धन करना "यह संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
देश की छवि उजागर करने",लेखन,भाषण "अधिकार मेरा
"शान्ति व अहिंसा को बनाए रखना " है संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
"अच्छा नेता,अच्छा शासन " है मौलिक अधिकार मेरा
स्वच्छ छवि को चुनना चुनाव में,है संवैधानिक कर्तव्य मेरा i
मैं भारत का नागरिक हूँ ,कितना आसानी से कह दिया
ज़रा कर्तव्य की बात करी तो कितना मुश्किल मान लिया i
अपने अधिकार पाता हूँ मैं, यदि संग कर्तव्य निभाता हूँ
" मैं भारत का नागरिक हूँ " कहने का हक तभी रखता हूँ i
माना संविधान लचीला है ,केवल अधिकारों की "अपेक्षा" ठीक नहीं
संतुलन बिगड़ जाएगा अत: कर्तव्यों की" उपेक्षा" ठीक नहीं i
गणतन्त्र दिवस के अवसर पर,यह याद दिलाना चाहता हूँ
अधिकारों से कर्तव्य बड़े ,यह विचार मैं रखना चाहता हूँ i
कर्तव्यों की जो की अवहेलना,तो देश कमजोर हो जाएगा
लाचारी की जंज़ीरों में फिर से जकड़ा जाएगा i
अधिकारों की बात तो छोड़ो,स्वतन्त्रता खतरे में पड़ जाएगी
"मैं इसी भारत का नागरिक हूँ,"समझने और समझाने में बहुत देर हो जाएगी i
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