----------- ललिता सहस्त्रनाम- हिन्दी व्याख्या प्रारम्भ-------

-----------------------------------------------निरुपमा गर्ग लमित्यादि पन्चपूजा- लं- पृथ्वी तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै गन्धं परिकल्पयामि । " हे पृथ्वी तत्व स्वरूपिणी श्री ललिता देवी , मैं आपको चंदन अर्पित करती हूँ।" हं- आकाश तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै पुष्पं परिकल्पयामि । "हे आकाश तत्व की देवी, श्री ललिता देवी, मैं आपको पुष्प अर्पित करती हूँ"। यं- वायु तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै धूपं परिकल्पयामि । "हे वायु तत्व की स्वामिनी श्री ललिता देवी, मैं आपको धूप अर्पित करती हूँ". रं- वह्नि तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै दीपं परिकल्पयामि । "मैं अग्नि तत्व स्वरूपिणी श्री ललिता देवी के लिए दीपक प्रस्तुत करती हूँ"। वं- अमृत तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै अमृतनैवेद्यम परिकल्पयामि । "अमृत तत्व स्वरूपिणी श्री ललिता देवी के लिए अमृत रूपी नैवेद्य (भोजन) अर्पित करती हूँ।" सं- सर्व तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै सर्वोप चारान परिकल्पयामि । "मैं सभी तत्वों की देवी को "सभी प्रकार के सम्मान और उपहार".अर्पित करती हूं । =...