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Showing posts from November, 2024

240 श्री कृष्ण को वश में करने वाले राधा जी के 28 नाम

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कृष्ण-भक्ति और वैष्णव परंपरा में जितना जितना महत्व भगवान श्रीकृष्ण का है उतना ही राधा जी का है। राधा-कृष्ण भक्तों और साधकों के लिए ‘राधा’ कोई साधारण शब्द नहीं है। इसे सभी मंत्रों का महामंत्र माना गया। मान्यता है कि पूर्ण भक्ति, निष्ठा और समर्पण से ‘राधा’ नाम लेने पर भगवान श्रीकृष्ण स्वयं भक्त के अधीन होकर कृपा बरसाते हैं। मान्यता है कि राधा नाम के जाप से भक्त को शक्ति, भक्ति और मुक्ति तीनों प्राप्त होती हैं। राधा जी के जिन 28 नामों से उनका गुणगान किया जाता है, वे इस प्रकार हैं: 1. राधा, 2. रासेश्वरी, 3. रम्या, 4. कृष्णमत्राधिदेवता,  5. सर्वाद्या, 6. सर्ववंद्या, 7. वृंदावनविहारिणी,  8. वृंदाराधा, 9. रमा, 10.  अशेषगोपीमंडलपूजिता, 11. सत्या. 12. सत्यपरा, 13. सत्यभामा,  14. श्रीकृष्णवल्लभा, 15. वृषभानुसुता,  16. गोपी, 17. मूल प्रकृति, 18. ईश्वरी,  19. गान्धर्वा, 20. राधिका, 21. राम्या, 22. रुक्मिणी,  23. परमेश्वरी, 24. परात्परतरा, 25. पूर्णा,  26. पूर्णचन्द्रविमानना, 27. भुक्ति-मुक्तिप्रदा और 28. भवव्याधि-विनाशिनी। ====================================...

239 श्री राधा- कृष्ण अध्यात्मिक प्र्श्न

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1.प्र.-सुरभि देवी कौन हैं?   उ.-  सुरभि देवी  गौओं की   अधिष्ठात्री देवी  हैं  । इनका जन्म  वृन्दावन  में हुआ था ।  इन्हें  श्री  कृष्ण  ने अपने वामपाश से प्रकट किया था ।    2.प्र.- श्री राधा जी  का  प्रादुर्भाव  कैसे हुआ? उनकी  माता ‌पिता  कौन  हैं? उ.- श्री राधा जी  श्री  कृष्ण  की  अधिष्ठात्री देवी हैं, उनके  वक्षस्थल   पर  रहती हैं । ये   श्री  कृष्ण  के साथ गोलोक में  रहती हैं । उनका    प्रादुर्भाव  श्री  कृष्ण के अर्ध  अंग  से  हुआ था ।  इसलिए  राधा जी  कृष्ण-स्वरूपिणी हैं ।  ये  साक्षात   कृष्ण की माया  हैं  कयोंकि  उनके  तेज पुञ्ज से ही  ये  मूर्तिमति हुई  हैं  अर्थात  एक ही  मूरत  दो भागों  में विभक्त हुई है । श्री  कृष्ण   की आज्ञा  से  ये    ...

238 देव उठनी एकादशी गीत

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  उठो देव बैठो देव भजन - उठो देव बैठो देव - पाटकली चटकाओ देव आषाढ़ में सोए देव - कार्तिक में जागे देव कोरा कलशा मीठा पानी - उठो देव पियो पानी     हाथ पैर फटकारो देव - आंगुलियां चटकाओ देव कुवारों के ब्याह कराओ देव-ब्याह के गौने कराओ  देव तुम पर फूल चढ़ाए देव-घी का दीया जलाये देव आओ देव पधारो देव-तुमको हम मनाएं देव चूल्हा पीछे पांच पछीटा- सासू जी बलदाऊ तुम्हारे बेटा  ओने कोने झांझ मंजीरा - सहोदर किशन जी तुम्हारे वीरा ओने कोने रखे अनार ये है किशन जी तुम्हारे यार ओने कोने लटकी चाबी सहोदरा ये है तुम्हारी भाभी जितनी खूंटी टांगो सूट - उतने इस घर जन्मे पूत जितनी इस घर सीक सलाई-उतनी इस घर बहुएं आईं जितनी इस घर ईंट और रोडे उत‌ने इस घर हाथी-घोड़े गन्ने का भोग लगाओ देव  सिंघाड़े का भोग लगाओ देव बेर का भोग लगाओ देव  गाजर का भोग लगाओ देव गाजर का भोग लगाओं देव सेंगरी,पूए  का भोग लगाओ देव उठो देव उठो ==========================================================