[ 94 ] जलियांवाला बाग़ कांड, 13 अप्रैल, 1919 [ कविता ]
देखा ब्रिटिश सरकार रवैय्या
" आज़ादी आन्दोलन"तेज़ हुआ
उसे कुचलने" सिडनी रोलेट "ने
'सेडीशन समिति' को नियुक्त किया i
और फिर बड़ी चालाकी से उस जज ने
," रोलेट एक्ट " लागू किया i
["प्रेस पर सेंसरशिप"," और
बिना मुकद्दमा गिरफ्तारी"]
उसके तहत दो धाराएं लगीं
जनता का आवाहन किया तो
गांधी जी को हथ कड़ी लगी i
हद तो जुल्म की तब हुई ,जब
" सैफुद्दीन किचलू" और " सत्यपाल" को
काला पानी भेज दिया
पेश की जब मांग रिहा की,
तो ज़ालिम, " जनरल डायर " ने
जलियांवाला कांड किया i
विरोध तेज़ हुआ 'रोलेट-एक्ट' का
सभा हुई तब अमृतसर में
बैठे लोग निहत्थे देख करभून दिया उन्हें एक मिनट में i
भागने का रास्ता जब नहीं मिला तो
कुछ कूद गए , वहीं कूँए में i
उद्दमसिंह था एक सेनानी
डायर को मारने की उसने ठानी
13 मार्च 1940 , लन्दन में जा कर
दे दी उसे श्रद्धांजलि भीनी ii
ज़ालिम तो ज़ालिम होते हैं
कहां थे वे रूकने वाले
31 जुलाई उसी साल
ज़िन्दगी उन्होंने उद्धम की छीनी
जलियाँ वाले बाग़ की लोगों
छप गई काले रंग कहानी ii
जलियाँ वाले बाग़ की लोगों
छप गई काले रंग कहानी ii
भारत को पीड़ा देने का
सदा ही सबने काम किया
पुलवामा, उरी , २६/11
हमको कैसा ज़ख्म दिया i
ईश्वर करे, घर के लोगों को
सन्मति कुछ तो आ जाय
कटुता को छोड़ , सभी लोगों में
आपसी प्रेम, बस, हो जाए i
मज़ाल नहीं जो आ कर कोई
तनिक भी हमको छेड़ जाए
काण्ड फिर से ऐसा कोई
मज़ाल जो कोई दोहरा जाए i
=
जलियाँवाले बाग़ के शहीदों को शत-शत नमन !
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सैफुद्दीन किचलू व् डा. सत्यपाल कौन थे ?-----
सैफुद्दीन किचलू व् डा. सत्यपाल दोनों ही पंजाब, अमृतसर के रहने वाले थे और भारतीय स्वतन्त्रता के लिए राष्ट्र-आंदोलनों में भाग लेते थे i
भारत में ब्रिटिश हुकूमत ने 13 अप्रैल 1919 में क्रांतिकारी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए रोलेट ऐक्ट पासकियाi इस ऐक्ट के मुताबिक ब्रिटिश सरकार के पास शक्ति थी कि वह बिना ट्रायल चलाए किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार कर सकती थी या उसे जेल में डाल सकती थी। रोलेट ऐक्ट के तहत पंजाब में दोनों मशहूर नेताओं डॉक्टर सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार कर लिया गया था।
After being arrested, Uddham Singh gave himself the name- Ram Mohammad Singh Azad.
By: Nirupma Garg
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