ऋषि भारद्वाज द्वारा कही गई एकादशी की महिमा
.ऋषि भारद्वाज द्वारा राजा बीरबाहु से कही गई एकादशी की महिमा- 1. जो भक्त गीत, वाद्य, नृत्य, पुराण पाठ, धूप, दीप, नैवेद्य,चन्दन का लेप, श्री कृष्ण की निष्काम भक्ति , श्रद्धा दान, और उत्साह सहित प्रत्येक पहर में आरती एकादशी की रात्रि में करते हैं वे प्र्भु की असीम कृपा पाते हैं । 2. जो व्यक्ति किसी की निन्दा नहीं करते, व इन्द्रियों पर संयम रखते हैं वे भगवान को सदा ही प्रिय होते हैं । 3.जो इश्वर के समीप गूगल और कपूर मिला कर धूप जलाता है, वह अपने लाखों जन्मों की पाप राशि को भस्म कर सकता है । 4.यदि कोई कथा वाचक मिल जाए तो रात्रि जागरण के समय पुराण पाठ की व्यवस्था करानी चाहिए । 5. जो एकादशी की रात्रि दीपदान करता है वह एक- एक निमिष गोदान का फल प्राप्त करता है । 6. जो भगवान के समक्ष जागरण कर पुराण की पुस्तक वाचता है वह ईश्वर का सा...