186. खून के रिश्ते बेरहम क्यूं हो जाते हैं ? [अयोध्याकाण्ड ]
https://www.youtube.com/watch?v=D0VQ_xNvNrw https://www.youtube.com/watch?v=D0VQ_xNvNrw =============================================== खून के रिश्ते बेरहम क्यों हो जाते हैं ? मुख्य कारण-अपने स्वार्थ में अंधे हो जाना । अर्थात ये सोचना कि बस हम सुखी रहें, हमें ही सारा ऐशो आराम हो । फिर चाहे वह अपना पति हो या पत्नी हो, बेटी हो या दामाद हो अथवा अपना बेटा हो या बहू हो । इनमें कोई एक भी स्वार्थी होगा रिश्ते बेरहम होने में देर नहीं लगती । पति पत्नी की हत्या करने में कौताही नहीं करता, पत्नी पति की हत्या करने में संकोच नहीं करती, बच्चे माता-पिता को दुत्कारने में कोई लिहाज नहीं करते । इस तरह आपस में ही स्वार्थ के कारण पूरे परिवार को उजाड देते हैं । रामचरित में कैकयी का पात्र इस बात का प्रमाण है । उसने भी सोचा था कि भरत राजा बनेगा तो वह राजमाता बन जाएगी और माता कौशल्या और सुमित्रा उसकी दासियां बन कर रह जाएंगी । इसी स्वार्थ में अंधे हो कर उसने न केवल अपने सुहाग को उजाडा अपितु पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया । वहीं दूसरी ओर श्री राम ने परिवार को जोडे र...