154 जनता जनार्दन
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चुनाव आया, चुनाव आया ज़ोरज़ोर से लालटेन दहाड। मंच पर चढ़ शेर की भांति दीपक ने भी उसे ललकारा । [1] लालटेन बोला-भाइयों ! दीपक में दम नहीं उसका-हमारा मेल नहीं । [2] इत्ते से तेल से तो यह जलता है तले अंंधेरा रहता है जुगनू सा प्रकाश है इसका हवा चले, बुझ जाता है । [3] संभाल नहीं सकता अपने को पडता है देखना कईं बार क्या रखेगा वो ध्यान जनता का जिसे पडता है देखना बार-बार । [4] जल भी जाता है गर