144. सुंदर,अति सुन्दर है संविधान हमारा / २६ जनवरी [ कविता ]
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कठोर, लचीला, सबसे विशाल अशोक स्तम्भ है जिसका भाल समस्त विश्व में सबसे सुंदर मेरे देश का है संविधान बुद्ध संदेश है उस का ताज गीतोपदेश उसका अभिमान समस्त विश्व में सुन्दर,अति सुंदर मेरे देश का है संविधान i 448 अनुच्छेद मणके जिसके 12 अनुसूचियां -- हैं जिसमें गिन के गंगा-अवतरण और नटराज श्रेष्ठ हैं विश्व-प्रकाशक अलंकार विशेष 24 भागों में गुंथी है उसकी माला सुन्दर, अति सुन्दर है संविधान हमारा ii बेनेगल नारसिंह व् बाबा साहेब दोनों का अथक प्रयास है ये सुनियोजित, नव भारत का अति सुन्दर कयास है ये प्रेम बिहारी की लिखावट है ये नन्द लाल बोस व राम मनोहर सिन्हा,---- इन महापुरुषों की सजावट है ये i सुशासन चलाने का अरमान है ये कुशासन उखाड़ने का फरमान है ये नागरिकों के अधिकारों का रक्षक है ये देश के प्रति कर्तव्यों का एलान है ये आओ आज गणतन्त्र दिवस पर अपने कर्तव्य याद करें हम इसके पर्वत,इसकी नदियाँ, सबको समझें अपना ही हम i "है सार्वजनिक सम्पत्ति हमारी धरोहर" समझ कर न नुक्सान करें हम राष्ट्र हमारा अपना घर है इसको न बर्बाद करें हम i इसका गौरव है &qu