226 माता जागरण कथा
माता जागरण कथा: एक राजा था जिसका नाम स्पर्श था। वह मां भगवती का बहुत बड़ा पुजारी था। वह रात-दिन मां दुर्गा की पूजा करता था। मां ने भी उन्हें राजपाट, धन-दौलत, ऐशो-आराम के सभी साधन दिये थे, कमी थी तो सिर्फ यह कि उनके घर में कोई संतान नहीं थी। यह गम उन्हें दिन-रात सताता था। वो मां से यहीं प्रार्थना करते थे कि मां उन्हें एक संतान दे। ताकि उनका वंश चलता रहे। मां ने उसकी पुकार सुन ली। एक दिन मां ने आकर राजा को स्वप्न में दर्शन दिये और कहा कि वे उसकी तेरी भक्ति से बहुत प्रसन्न हैं। उन्होंने राजा को दो पुत्रियां प्राप्त होने का वरदान दिया। कुछ समय के बाद राजा के घर में एक कन्या ने जन्म लिया, राजा ने अपने राज दरबारियों को बुलाया, पंड़ितोंऔर ज्योतिषों को बुलाया और बच्ची की जन्म कुण्डली तैयार करने का हुक्म दिया। पंड़ितों और ज्योतिषियों ने उस बच्ची की जन्म कुंडली तैयार की और कहा हे राजन, यह कन्या तो साक्षात देवी है। यह कन्या जहां भी कदम रखेगी, वहां खुशियां ही खुशियां होंगी। यह कन्या भी भगवती की पुजारिन होगी, उस कन्या का नाम तारा रखा गया, थोड़े समय बाद राजा के घर वरदान...