145. यक्ष के प्रश्न
प्रश्न-1 पहले प्रश्न में यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछा - " तुम कौन हो ?" युधिष्ठिर ने उत्तर दिया - हम सब एक शुद्ध आत्मा व् शुद्ध चेतना हैं जो सर्व साक्षी है i अर्थात् जो कुछ हम करते हैं अच्छा, या बुरा -सब का यही अनुभव करती है i इन्द्रियाँ इसके औज़ार मात्र हैं i जिस दिन यह उड़ जाएगी, इन्द्रियाँ भी इसके साथ चली जाएँगी और हमारा शरीर एक ढाँचे की तरह रह जाएगा i प्रश्न-2 जीवन का उद्देश्य क्या है ? उत्तर- शुद्ध चेतना अर्थात् आत्मा को जानना i जब मनुष्य जान जाएगा कि शरीर केवल एक ढांचा है तथा वह जीवित आत्मा की वजह से है जो वायु की भांति उड़ जाती है तो उसे अपने शरीर का मोह समाप्त हो जाएगा i उसका यही ज्ञान उसके लिए मोक्ष का द्वार खोल सकता है i अत: जीवन का मुख्य उद्देश्य अपनी आत्मा को जानना ही है प्रश्न-3 जन्म लेने का कारण क्या है ? उत्तर- अतृप्त वासनाएं, कामनाएं व् कर्मफल i प्राणी इ