----------- ललिता सहस्त्रनाम- हिन्दी व्याख्या प्रारम्भ-------

-----------------------------------------------निरुपमा गर्ग श्रीललितासहस्रनामस्तोत्र (श्री ललिता के 1000 नाम) ऋषि वेद व्यास द्वारा रचित ब्रह्माण पुराण. का भाग है जिसमें हयग्रीव और ऋषि अगस्त्य के मध्य का संवाद है | भगवान विष्णु के अवतार हयग्रीव ने श्रीललितासहस्रनाम के माध्यम से अगस्त्य ऋषि को श्री विद्या उपासना की दीक्षा दी थी । लमित्यादि पन्चपूजा- लं- पृथ्वी तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै गन्धं परिकल्पयामि । " हे पृथ्वी तत्व स्वरूपिणी श्री ललिता देवी , मैं आपको चंदन अर्पित करती हूँ।" हं- आकाश तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै पुष्पं परिकल्पयामि । "हे आकाश तत्व की देवी, श्री ललिता देवी, मैं आपको पुष्प अर्पित करती हूँ"। यं- वायु तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै धूपं परिकल्पयामि । "हे वायु तत्व की स्वामिनी श्री ललिता देवी, मैं आपको धूप अर्पित करती हूँ". रं- वह्नि तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै दीपं परिकल्पयामि । "मैं अग्नि तत्व स्वरूपिणी श्री ललिता देवी के लिए दीपक प्रस...