----------- ललिता सहस्त्रनाम- हिन्दी व्याख्या प्रारम्भ-------

-----------------------------------------------निरुपमा गर्ग Note: Those who want to get the printed book , please let us know through comment box Navratri 2025. श्रीललितासहस्रनामस्तोत्र (श्री ललिता के 1000 नाम) ऋषि वेद व्यास द्वारा रचित ब्रह्माण पुराण. का भाग है जिसमें हयग्रीव और ऋषि अगस्त्य के मध्य का संवाद है | भगवान विष्णु के अवतार हयग्रीव ने श्रीललितासहस्रनाम के माध्यम से अगस्त्य ऋषि को श्री विद्या उपासना की दीक्षा दी थी । लमित्यादि पन्चपूजा- लं- पृथ्वी तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै गन्धं परिकल्पयामि । " हे पृथ्वी तत्व स्वरूपिणी श्री ललिता देवी , मैं आपको चंदन अर्पित करती हूँ।" हं- आकाश तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै पुष्पं परिकल्पयामि । "हे आकाश तत्व की देवी, श्री ललिता देवी, मैं आपको पुष्प अर्पित करती हूँ"। यं- वायु तत्वात्मिकायै श्री ललितादेव्यै धूपं परिकल्पयामि । "हे वायु तत्व की स्वामिनी श्री ललिता देवी, मैं आपको धूप अर्पित करती हूँ". रं- वह्नि तत्वात्...