ललिता सहस्त्रनाम- हिन्दी व्याख्या- 878 -893

 My photo

 -------------------------------निरुपमा गर्ग

Note: Those who want to get the printed book,please let us know through comment box before Navratri 2025.

878.  ॐ स्वात्मा रात्मायै नमः- "मैं उन स्वतान्त्र्य शक्ति की स्वामिनी को प्रणाम करती हूं,  जिनका अपना स्व (उनका अपना मन)  क्रीड़ास्थल है जिसमें वह आनन्दित रहती हैं । सारा ब्रह्मांड उन्हीं के मन से बना है

879. ॐ सुधा स्त्रुत्यै नमः- "मैं देवी को नमन करती हूँ जो ध्यान केंद्रित करने वाले साधकों के ह्रदय में दिव्य अमृत का प्रवाह करके उन्हें  आनंदमय अवस्थामें  प्रवेश कराती हैं ।

880. ॐ संसार पङ्क निर्मग्न समुद्धरण पण्डितायै नमः- आप संसार मे भौतिकवादी 

 जीवन जीने वालों को अध्यात्म की ले जा करउनका उद्धार करती हैं । 

881. यज्ञ-प्रियायै नम:- मंत्रों के साथ यज्ञ में "आहुति और आहुति की प्रक्रिया, दोनों ही 

                          आपको  प्रिय हैं ।

882.ॐ यज्ञकर्त्र्यै नमः- आप पूरे नियम से व भगवान शिव के सहयोग से 

          यज्ञ अर्थात {पवित्र अनुष्ठान) करने वाली हो ।

883. ॐ यजमान स्वरूपिण्यै नमः- यज्ञ में आप स्वयं यजमान के रूप 

     में विद्यमान रहती हो ।

884. ॐ धर्माधारायै नमः – आप धर्म की आधार हैं अर्थात धर्म, ज्ञान और 

   शक्ति की प्रतीक हैं, और आप की कृपा से ही हम अपने जीवन में सही रास्ते पर चल सकते हैं ।

885. ॐ धना+ध्यक्षायै नमः- आप धन के अधिष्ठाता (कुबेर) के समान हैं जो भक्तों को धन

      समृद्धि, और सौभाग्य प्रदान करती हैं ।

886. ॐ धनधान्य विवर्धिन्यै नमः- हे धन-धान्य की वृद्धि करने वाली ! 

            आपको नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।

887. ॐ विप्रप्रियायै नमः- ब्राह्मण-प्रिय देवी को शत-शत प्रणाम ।  इन्द्रियों को वश में 

     करने वाली ब्राह्मण- स्वरूपा को नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।

889. ॐ विश्व भ्रमण कारिण्यै नमः- प अपनी माया शक्ति से सारे ब्रह्माण्ड

 को भ्रमित करती हो । आपको नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।

890. ॐ विश्व ग्रासायै नमः- पूरी सृष्टि आपका ग्रास है अर्थात सृष्टि की

        उत्पत्ति भी आप से होती है और उसका विलय भी आप में हो जाता है ।

891. ॐ विद्रुमाभायै नमः- हे विद्रूम अर्थात लाल मूंगे की सी आभा वाली !

आपको नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।

892. ॐ वैष्णव्यै नमः-  भगवान विष्णु की शक्ति स्वरूपा वैष्णवी देवी को प्रणाम ।

893. ॐ विष्णुरूपिण्यै नमः- जो देवी भगवान विष्णु रूप में सृष्टि का पालन करती

             हैं उन्हें  नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।

===================================================
                                                                                                       अगला लेख---894- 908

 

Comments

Popular posts from this blog

{ 5 QUIZ ON; LAL BAHADUR SHASTRI

101 श्री कृष्ण के प्रिय 28 नाम

{ 81} 9 नवरात्रि माता का भोग