ललिता सहस्त्रनाम-हिन्दी व्याख्या- 200 - 249
-------------------------------------------निरुपमा गर्ग
Note: Those who want to get the printed book,please let us know through comment box before Navratri 2025.
200. ॐ सर्वमङ्गलायै नमः- जो शुभता की स्रोत हैं,
201. ॐ सद्गति प्रदायै नमः- जो सही रास्ते पर
ले जाती हैं,
202. ॐ सर्वेश्वर्यै नमः- जो सभी जीवित और
निर्जीव चीजों पर शासन करती हैं, तथा-
203. ॐ सर्वमय्यै नमः- जो हर जीवित और निर्जीव चीज़ में व्याप्त हैं, उन्हें नमस्कार,
बार-बार नमस्कार हो ।
204. ॐ सर्वमन्त्र स्वरूपिण्यै नमः- जो सभी मंत्रों का सार हैं,
205. ॐ सर्व यन्त्रात्मिकायै नमः- जो सभी यंत्रों की आत्मा हैं,
206. ॐ सर्वतन्त्ररूपायै नमः- जो सभी तंत्रों की आत्मा (अवतार) हैं, तथा-
207. ॐ मनोन्मन्यै नमः- जो शिव की शक्ति हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
208. ॐ माहेश्वर्यै नमः- जो महेश्वर की पत्नी हैं,
209. ॐ महादेव्यै नम:- जो विस्तार शरीराकार देवों के देव महादेव की अथाह आकृति वाली
अर्धांगिनी हैं,
210. ॐ महालक्ष्म्यै नमः- जो महान देवी
लक्ष्मी हैं, तथा-
211. ॐ मृडप्रियायै नमः- जो मृदा (शिव) की प्रियतमा हैं, उन्हें नमस्कार,
बार-बार नमस्कार हो
।
212. ॐ महारूपायै नमः- जिनका रूप महान हैं,
213. ॐ महापूज्यायै नमः— जो महा पूजनीय हैं,
214. ॐ महा पातक नाशिन्यै नमः- जो बड़े से बड़े पाप को भी नष्ट कर देती हैं, तथा-
215. ॐ महामायायै नमः- जो महान भ्रम हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
216. ॐ महासत्वायै नमः- जो महान सत्व रखती हैं,
217. ॐ महाशक्त्यै नमः— जो महाशक्तिवान हैं
218. ॐ महारत्यै नमः- जो असीम आनंद हैं, तथा-
219. ॐ महाभोगायै नमः- जिनके पास अपार धन हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार
नमस्कार हो ।
220. ॐ महैश्वर्यायै नमः- जिनके पास सर्वोच्च संप्रभुता हैं,
221. ॐ महावीर्यायै नमः- जो वीरता में सर्वोच्च हैं,
222. ॐ महाबलायै नमः- जो शक्ति में सर्वोच्च हैं, तथा-
223. ॐ महाबुद्ध्यै नमः- जो बुद्धि में सर्वोच्च हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार
नमस्कार हो ।
224. ॐ महासिद्ध्यै नमः- जो सर्वोच्च उपलब्धियों से संपन्न हैं,
225. ॐ महायोगेश्वरेश्वर्यै नमः- जो
महानतम योगियों द्वारा पूजी जाती हैं,
226. ॐ महातन्त्रायै नमः- जिनकी पूजा कुलअर्णव और ज्ञान अर्णव जैसे महान
तंत्रों द्वारा की जाती हैं, तथा-
227. ॐ महामन्त्रायै नमः- जो सबसे बड़ा मंत्र हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार
नमस्कार हो ।
228. ॐ महायन्त्रायै नमः- जो महान यंत्रों के रूप में हैं,
229. ॐ महा+सनायै नमः- जो महान आसनों पर बैठी हैं,
230. ॐ महायाग क्रमाराध्यायै नमः- जिनकी पूजा महायाग के अनुष्ठान से की जाती हैं, तथा-
231. ॐ महाभैरव पूजितायै
नमः- जिनकी पूजा महाभैरव (शिव) द्वारा भी की जाती
हैं उन्हें नमस्कार, बार-बार
नमस्कार हो ।
232. ॐ महेश्वर महाकल्प
महा ताण्डव साक्षिण्यै नमः- जो सृष्टि के
महान चक्र के अंत मे महेश्वर (शिव) के महान नृत्य की साक्षी हैं,
233. ॐ महाकामेश महिष्यै
नमः- जो महाकामेश्वर (शिव) की महान रानी हैं
234. ॐ महात्रि पुरसुन्दर्यै
नमः- जो
महान त्रिपुरासुन्दरी हैं, तथा-
235. ॐ चतुःषष्ट्युपचाराढ्यायै नमः- जिनकी
चौसठ अनुष्ठानों में पूजा की जाती हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार
नमस्कार हो ।
236. ॐ चतुःषष्टि कलामय्यै नमः- जो चौसठ ललित कलाओं का प्रतीक हैं,
237. ॐ महाचतुःषष्टिकोटि योगिनीगण सेवितायै नमः- जिनकी चौसठ करोड़ योगिनियों के समूहों द्वारा परिचर्या (सेवा) की जाती हैं,
238. ॐ मनुविद्यायै नमः- जो
मनुविद्या का अवतार हैं,
239. ॐ चन्द्रविद्यायै नमः- जो चंद्रविद्या का अवतार हैं,
240. ॐ चन्द्र मण्डल मध्यगायै नमः- जो चन्द्रमा के चक्र, चन्द्रमा के केन्द्र में
निवास करती हैं, तथा-
241. ॐ चारुरूपायै नमः- जिनकी
सुंदरता न बढ़ती है न घटती हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार
नमस्कार हो ।
242. ॐ चारुहासायै नमः- जिनकी मुस्कान सुन्दर हैं,
243. ॐ चारु चन्द्रकला धरायै नमः- जो सुंदर अर्धचंद्र धारण करती हैं जो बढ़ता या
घटता नहीं,
244. ॐ चराचर जगन्नाथायै नमः- जो सजीव और निर्जीव जगत की शासक हैं, तथा-
245. ॐ चक्रराज निकेतनायै नमः- जो श्री चक्र में निवास करती हैं,
उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
246. ॐ पार्वत्यै नमः- जो पर्वत (हिमवत या हिमालय) की पुत्री पार्वती हैं,
247. ॐ पद्म नयनायै नमः- जिनकी आंखें कमल के फूल की पंखुड़ियों की तरह लंबी
और सुंदर हैं,
248. ॐ पद्मराग समप्रभायै नमः- जिनका रंग माणिक्य के समान चमकीला लाल है, तथा-
249. ॐ पञ्च प्रेतासनासीनायै नम:- जो पांच शवों से बने आसन पर बैठती हैं, ये पांच "शव"
ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र, महादेव और सदाशिव के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व हैं, जो इनके
सिंहासन को पकडे हुए हैं, उन्हें नमस्कार, बार-बार नमस्कार हो ।
Comments
Post a Comment