{3} मातृभूमि का कर्ज़{कविता }
न सेना की टुकड़ी में,न
बॉर्डर पर तैनाती
कैसे चुकाएँ उसका कर्ज़,पालन करती जो धरती
आओ भारत में रहने वालों,समय
है इस पर विचार करें
खून न दे सकें अगर हम तो,
अपना कर्तव्य निभा लें हम
आओ सफाई अभियान चलायें हम ii
घर-मुहल्ला
नगर-नगर,
गाँव-गाँव और शहर-शहर,
कूड़ा डालें चाहे किसी पहर
न आस-पास न चहूँ
तरफ,
डालें कूड़ा कूड़े-दान में सिरफ
औरों को भी सचेत कराएँ,
आओ सफाई अभियान चलाएँ ii
कूड़े से ही होते कीड़े- तिलचट्टे
महामारी फैलातें हैं,नई
बीमारियाँ लातें हैं
चलो सबको सचेत कराएँ,भारत
को हम स्वस्थ बनाएँ
आओ सफाई अभियान चलाएँ ii
अंधकार को दूर करें
हम,ज्ञान का प्रकाश फैलाएं हम
ढोंगी बाबाओं के चंगुल से
सबको मुक्त कराएँ हम
महापाप की धूल को मिल कर, आओ हम सब साफ करें
अन्धविश्वास को ख़त्म करें
हम,चलो सफाई अभियान चलाएँ हम ii
जहाँ भी कोई गन्दगी हो
चोरबाजारी,रिश्वतखोरी
और नशाखोरी हो
इनका
विरोध जतायें हम
विषैली जड़ें जिसकी भी फैली,
वो वृक्ष
पुराने चीरें हम
चलो, सफ़ाई अभियान चलाएँ हम
जय भारत ii
By: Nirupma Garg
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