{2} प्रतिज्ञा{गीत }
हमने ठाना,हमने ठाना , भारत
कों है हमने स्वच्छ बनाना
है हिम्मत का यहां नही
ठिकाना---------------------
स्वच्छता भारत की--- परम्परा
है ,
अतिथि देवो भव’-- यहाँ की सभ्यता है
अतिथि देवो भव’-- यहाँ की सभ्यता है
कभी तीज यहाँ, त्योहार
यहाँ,
किया जाता साफ
घर का कोना- कोना
किया जाता साफ
घर का कोना- कोना
है आदर का यहाँ नही
ठिकाना----------------------------
हमने ठाना,हमने
ठाना-----------------------------
गणित,विज्ञान है--- खोज हमारी,
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ--- देन हमारी
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ--- देन हमारी
दिल साफ यहाँ,सभ्य जन यहाँ,
रहता सबका आना-जाना
पर गंदगी का है नही
ठिकाना--------------------------------------रहता सबका आना-जाना
हमने ठाना,हमने
ठाना------------------------------------------------------
दुनिया में मेरा देश,एक
नम्बर है ,
अफ़सोस माथे पर यही कलंक है
चलो आगे बढ़ें, मिल के
चलें ,अफ़सोस माथे पर यही कलंक है
स्वच्छता अभियान है चलाना
है दिलेरी का यहाँ नही
ठिकाना----- ---------------------
हमने ठाना,हमने
ठाना---------------------------------------------------------------
प्रतिज्ञा आओ करें-
कूड़ा-दान रखेंगे ,
आगे किसी के घर कूड़ा नहीं डालेंगे
आगे किसी के घर कूड़ा नहीं डालेंगे
घर में हों,बाज़ार में हों
या कभी हों किसी-- पार्क में
या कभी हों किसी-- पार्क में
कूड़ा डालेंगे सिर्फ कूड़े—दान
में------------------------------------
हमने ठाना ,हमने ठाना,हम सब
ने मिल कर कदम बढ़ाना
है हिम्मत का यहाँ नहीं
ठिकाना------------------------------
हमने ठाना, हमने ठाना
हम सब ने मिल-जुल कर कदम बढ़ाना
है भारत को स्वच्छ बनाना i
हमने ठाना, हमने ठाना
हम सब ने मिल-जुल कर कदम बढ़ाना
है भारत को स्वच्छ बनाना i
Comments
Post a Comment